१-किसके लिए यु अपने आंसुओ को जाया करते हो
क्या उसको खबर हैं जिसके लिए रात भर रोते हो
२-मुझे खुद पे यकीं हैं इस कदर जिस कदर रोमीओ को यकीं था जुलिएट पे
मुझे खुद से प्यार हैं इस कदर जिस कदर हीर को प्यार था राँझा से
३-कुछ लोग आ कर चले जाते हैं मगर जाती नहीं हैं याद उनकी
वो दूर होकर भी दूर नहीं होते हर वक़्त आती हैं याद उनकी
४-किस से कहे अपने दिल की बात कौन सुनेगा फरियाद मेरी
क्या उसको खबर हैं जिसके लिए रात भर रोते हो
२-मुझे खुद पे यकीं हैं इस कदर जिस कदर रोमीओ को यकीं था जुलिएट पे
मुझे खुद से प्यार हैं इस कदर जिस कदर हीर को प्यार था राँझा से
३-कुछ लोग आ कर चले जाते हैं मगर जाती नहीं हैं याद उनकी
वो दूर होकर भी दूर नहीं होते हर वक़्त आती हैं याद उनकी
४-किस से कहे अपने दिल की बात कौन सुनेगा फरियाद मेरी
हर सख्स इतना परेशां हैं किस से अपनी बात कहूँ
(प्रथम और तृतीये शायरी मैंने अपने दो दोस्तों को समर्पित किया हैं
(प्रथम और तृतीये शायरी मैंने अपने दो दोस्तों को समर्पित किया हैं
रंजन राज एवं शिवम् भारद्वाज)
अच्छी गज़ल......
ReplyDeleteगज़ल को २ पंक्तियों में लिखे तो और अच्छा लगेगा...
मात्राओं के त्रुटियाँ भी पकड़ आएँगी...
लिखते रहिये..
शुभकामनाएं.
अनु