आज ही के दिन मैं जन्मा था
खुशिया बिखरी थी मेरे घर में
गाव में मेरे खबर फैला था
आज ही के दिन
मैं जन्मा था
ढोल बजा था मेरे घर में
गाव में मेरे नगाड़े बजे थे
आज ही के दिन
मैं जन्मा था
सपने जन्मे थे मेरे घर में
गाव में मेरे विश्वास पनपा था
आज ही के दिन
मैं जन्मा था
(मेरे जन्मदिवस पे मेरी पंक्तिया आपको समर्पित-Vivek Human )



