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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 15 January 2012

मेरी खुसी

मुझे दुसरो की मदद करके ख़ुशी महसूस होती हैं जब मैं किसी असहाए , जरुरत मंद ,शोषित अथवा पिरीत एवं प्रतारित  लोगो की  मदद करता हूँ तो मुझे एक अलग ख़ुशी मिलती हैं जो मेरी तमाम खुशियों से बढ़ी होती हैं और मैं अपने जीवन में जबतक जीवुंगा तबतक जरुरत मंदों की मदद करता रहूँगा क्योंकि अपने लिए तो सब जीते हैं जो दुसरो के लिए जिए वो इंसान होता हैं और मैं एक इंसान हूँ

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