
कभी हसाती तो कभी रुलाती हैं
पल भर की खुशी तो पल में गम देती हैं
किसी को प्यार तो किसी को तन्हाई देती हैं
ये जिन्दगी भी अजीब हैं
कभी हसाती तो कभी रुलाती हैं
क्या क्या दिन दिखाती हैं
हर मोड़ पे इम्तिहान लेती हैं
कभी बिछरो को मिलाती हैं
तो कभी अपनों से दूर कराती हैं
किसी के हिस्से में जाम तो किसी को जहर देती हैं
कोई महल में सोता हैं तो किसी को फूटपाथ देती हैं
ये जिन्दगी भी अजीब हैं
कभी हसाती तो कभी रुलाती हैं
nice very quit
ReplyDeletewasu2big