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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 29 April 2012

मैं और मेरा शायराना अंदाज -(५ )

1-मुझे बस मुझ से प्यार हैं खुद पे बस ऐतबार हैं
नहीं करता मैं प्यार किसी से  प्यार बस बकवास हैं
2-उन्हें फिक्र नहीं होती जब करीब उनके होता हूँ
जब दूर उनसे होता हूँ  तो मेरी याद उन्हें आती हैं


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