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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 29 April 2012

मैं और मेरा शायराना अंदाज (६)

१ -सपने तो सभी देखते हैं पर पूरे किसी-किसी के होते हैं
प्यार तो सभी करते हैं पर इज़हार कोई -कोई कर पाते हैं
२ -जिन्दगी को जीने का मतलब जरुरी होता हैं जीने के वास्ते
वरना जिन्दगी जिन्दगी नहीं होता जीने के वास्ते
३- सपने सच हुआ नहीं करते जबतक  की कोशिश न की जाए
मंजिले मिला नहीं करती जबतक की रास्तों पर चला न जाए

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