
भूलकर भी उसे रुलाना नहीं
कभी उस से दामन छुराना नहीं
किसी बात पे उसे सताना नहीं
भुगतोगे वरना जिन्दगी भर
कभी ऐसे काम करना नहीं
माँ को कभी गाली देना नहीं
भूलकर भी उसे बुरा कहना नहीं
कभी उसे आंख दिखाना नहीं
किसी बात पे उसपे बिगरना नहीं
पछताओगे वरना जिन्दगी भर
कभी ये गुनाह करना नहीं
माँ को कभी भुलाना नहीं
भूलकर भी उसे रुलाना नहीं
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