मेरे हिंदी ब्लॉग साईट (सर्व सेवा समाज) में आपका हार्दिक स्वागत हैं

बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Monday 28 May 2012

इंसानियत की ओर


यह गाना एक बहुत पुरानी हिन्दी फिल्म धूल का फूल से हैं
जिस गाने में एक पिता अपने बच्चे  को यह शिक्षा देता हैं
की तू बड़ा होके इंसान बनना क्यूंकि तू एक इंसान की औलाद हैं
इसलिए मैं इस गाने के माध्यम से आपसे अनुरोध करता हूँ
की आप भी अपने बच्चे को ऐसी ही शिक्षा दीजिये
ताकि आपका बच्चा बड़ा होके एक इंसान बने न की शैतान बने
आज धर्म और जाति के नाम पे दंगे -फर्साद होते हैं
हमे ये सोचना चाहिए की सबसे पहले हम इंसान हैं
फिर हमारा कोई धर्म और जाति  हैं
अंत में एक बार फिर से यही कहूँगा
इंसान हैं इंसान बनिये कुछ ऐसा काम कीजिये .

2 comments: