भारत को आजादी
ऐसी ही नहीं मिली
बहुत संघर्ष करना पड़ा
कई लड़ाई लड़ना पड़ा
किसी को झाँसी तो
किसी को भगत बनना पड़ा
कोई गाँधी बना
तो कोई सुभाषचंद्र बोष बना
कोई लड़ते लड़ते मरा
जो बचा उसे फाँसी चड़ना पड़ा
कुछ बर्बाद हुए
जो बचे वे तबाह हुए
माँ ने जवान बेटा गवाया
पत्नी ने माँग का सेंदूर धोया
कुछ उग्रवादी बने
तो कोई उदारवादी बना
किसी ने पीठ पे लाठी खाई
तो कोई सीने पे गोली खाया
भारत को आजादी
ऐसी ही नहीं मिली
बहुत संघर्ष करना पड़ा
ऐसी ही नहीं मिली
बहुत संघर्ष करना पड़ा
कई लड़ाई लड़ना पड़ा
किसी को झाँसी तो
किसी को भगत बनना पड़ा
कोई गाँधी बना
तो कोई सुभाषचंद्र बोष बना
कोई लड़ते लड़ते मरा
जो बचा उसे फाँसी चड़ना पड़ा
कुछ बर्बाद हुए
जो बचे वे तबाह हुए
माँ ने जवान बेटा गवाया
पत्नी ने माँग का सेंदूर धोया
कुछ उग्रवादी बने
तो कोई उदारवादी बना
किसी ने पीठ पे लाठी खाई
तो कोई सीने पे गोली खाया
भारत को आजादी
ऐसी ही नहीं मिली
बहुत संघर्ष करना पड़ा
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