क्या समय था बचपन का, वो जबाना बचपन का
थोरा नटखट ,थोरी शरारत करता था
कोई परवाह नहीं करता था ,बस अपनी धुन में रहता था
घंटो खेला करता था , छुप-छुप के खाया करता था
खिलौने की जिद करता था ,चौकलेट पे मरता था
बहन के बाल खिचता था , भाई को डाट सुनवाता था
तीतलियो को पकड़ता था ,संग उनके खेला करता था
समय न था तय सोने का, नींद आई तब सोता था
क्या समय था बचपन का , वो जबाना बचपन का
भाई से प्यार पाता था , बहन का दुलार मिल जाता था
पिता के कंधो पे घूमता था ,माँ की गोद में सोया करता था
अपने -पराये की पहचान न थी ,सब ऐसे जैसे अपने लगते थे
बस खुसिया ही खुसिया थी ,गम से मेरा न कोई नाता था
क्या समय था बचपन का ,वो जबाना बचपन का.(मेरे बचपन से जुरी कुछ यादे )
थोरा नटखट ,थोरी शरारत करता था
कोई परवाह नहीं करता था ,बस अपनी धुन में रहता था
घंटो खेला करता था , छुप-छुप के खाया करता था
खिलौने की जिद करता था ,चौकलेट पे मरता था
बहन के बाल खिचता था , भाई को डाट सुनवाता था
तीतलियो को पकड़ता था ,संग उनके खेला करता था
समय न था तय सोने का, नींद आई तब सोता था
क्या समय था बचपन का , वो जबाना बचपन का
भाई से प्यार पाता था , बहन का दुलार मिल जाता था
पिता के कंधो पे घूमता था ,माँ की गोद में सोया करता था
अपने -पराये की पहचान न थी ,सब ऐसे जैसे अपने लगते थे
बस खुसिया ही खुसिया थी ,गम से मेरा न कोई नाता था
क्या समय था बचपन का ,वो जबाना बचपन का.(मेरे बचपन से जुरी कुछ यादे )
vo bachpan ki neend to bs ek aas ban kar rh gayi hain , kya umar thi k-raat hui; palkein jhuki aur so gaye .....
ReplyDeleteneed to improve spellings :p
ReplyDeleteok
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