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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Friday 27 January 2012

ये भी कोई दोस्ती हैं

ये भी कोई दोस्ती हैं
क्या ऐसे दोस्त होते हैं
जो मुझसे मेरे आलिशान मकान के कारण दोस्ती करते हैं
तो कुछ मेरे मोटर-कार  के कारण
ये भी कोई दोस्ती हैं
क्या ऐसे दोस्त होते हैं
जो मुझसे मेरी पहुच के कारण दोस्ती करते हैं
तो कुछ मेरी सुन्दरता के कारण
ये भी कोई दोस्ती हैं
क्या ऐसे दोस्त होते हैं
जो मेरी कामयाबी में साथ होते हैं
तो कुछ मेरी ख़ुशी में सिर्फ  शरीक होते हैं
ये भी कोई दोस्ती हैं
क्या ऐसे दोस्त होते हैं
गर ऐसे दोस्त होते हैं
तो नहीं चाहिए ऐसे दोस्ती
ये भी कोई दोस्ती हैं
१-किसी से दोस्ती करनी हैं तो उसके आचरण एवं चरित्र  को देखो न की उसकी सुन्दरता ,पहुच और धन-दौलत को
२-दोस्ती दिल से होती हैं दौलत से नहीं
  दोस्त दुःख में पहचाने जाते हैं सुख में नहीं 
                          (दोस्ती के बारे में मेरे दो सब्द )

4 comments:

  1. Its such as Miraculous.
    I Appreciate your Blog.

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  2. I want to thank you because you believe in my thought.

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  3. Rightly said, friendship should not be on the basis of worldly things...

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    1. but when we make friends on the basis of worldly things.. i am unhappy when we do so.

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