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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Friday 3 February 2012

मेरी सोच (२ )

मैं जब भी कोई गलती करता हूँ
तो कुछ नया सीखता हूँ
क्या आप भी अपनी गलती से सिख लेते हो
नहीं तो सिख लो की आप वो गलती दुबारा नहीं करोगे
जो पहले भी आपने की हैं 
जहा तक गलतियों का सवाल हैं
गलती सिर्फ इंसान नहीं करते
हमने भगवान की गलतियों के बारे में भी सुना हैं
पर गलती को स्वीकार करना एवं सुधार करना
एक अच्छे इंसान की पहचान होती हैं

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