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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 18 March 2012

मैं और मेरा शायराना अंदाज (२ )

1-उनको  न चाहते हुए भी उनकी चाहत का ख्याल आता हैं
गर  यही प्यार हैं तो करने का ख्याल आता हैं
खुद को रोक नहीं पाता हूँ जब भी उनका  ख्याल आता हैं
गर यही प्यार हैं तो करने का ख्याल आता हैं 
2-मैंने उसे बेपनाह चाहा, दिल में बसाया ,साँसों में समाया , जब बात निकली उसके प्यार की तो हर जगह से ये आवाज निकली की वो दगाबाज निकली

2 comments:

  1. उनको न चाहते हुए भी उनकी चाहत का ख्याल आता हैं
    गर यही प्यार हैं तो करने का ख्याल आता हैं...
    behatereen.......

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    1. mujhe khushi hain kyunki aap mere dwara likhit panktiyo ko sarahti hain aapka bahut bahut dhanyabad par main aapka bahut bada fan hoon kyunki maine aapke blog ko padha hain aap ki lekhni to bahut hi behtareen hain ,,,main to blog duniya me aapka fan hoon ek simple blog writing karta hoon simple human being hoon .

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