
गर मौत होता तो ,जीने का अवसर देता
अगर मैं रौशनी होता ,तो हर एक को प्रकाश देता
गर अंधकार होता ,तो कही दूर होता
अगर मैं दिन होता , तो रात की प्रतीक्षा करता
गर रात होता , तो प्रातः की तैयारी करता
अगर मैं बरसात होता , तो सावन में ही बरसता
गर सावन होता , तो हरियाली बिखेर देता
अगर मैं अमीर होता, तो गरीबी दूर करता
गर गरीब होता , तो संतोष के साथ जीता
अगर मैं जीवन होता ,तो चैन से जीने देता
गर मौत होता तो ,जीने का अवसर देता
No comments:
Post a Comment