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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 25 March 2012

मुझे कुछ नहीं चाहिए

मुझे कुछ नहीं चाहिए, सिवाए माँ के दुलार के
मुझे तो बस बाबूजी का प्यार चाहिए
मुझे कुछ नहीं चाहिए ,सिवाए माँ के आशीर्वाद के
मुझे तो बस बाबूजी का साथ चाहिए
मुझे कुछ नहीं चाहिए , सिवाए माँ के ममता के
मुझे तो बस बाबूजी का स्नेह चाहिए
मुझे कुछ नहीं चाहिए ,सिवाए माँ के अरमान के
मुझे तो बस बाबूजी का सम्मान चाहिए
मुझे कुछ नहीं चाहिए,सिवाए माँ के सुख के
मुझे तो बस बाबूजी की ख़ुशी चाहिए
मुझे कुछ नहीं चाहिए, सिवाए माँ के दुलार के
मुझे तो बस बाबूजी का प्यार चाहिए

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