दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
ज्यादा नहीं थोड़ा लिखना चाहता हूँ
क्यों दहेज़ लेना चाहता हूँ
और क्यों दहेज़ देना चाहता हूँ
ये खुद से आज पूछना चाहता हूँ
दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
क्या जरुरत हैं जो दहेज़ चाहता हूँ
बस इतना नहीं थोरा और चाहता हूँ
आखिर क्यों ये दहेज़ चाहता हूँ
मुझे जरुरत नहीं जो मैं दहेज़ चाहता हूँ
दहेज़ चूकी एक समाज की बुराई हैं
इसलिए न तो मैं लेना चाहता हूँ
और न भूलकर भी देना चाहता हूँ
दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
ज्यादा नहीं थोड़ा लिखना चाहता हूँ
क्यों दहेज़ लेना चाहता हूँ
और क्यों दहेज़ देना चाहता हूँ
ये खुद से आज पूछना चाहता हूँ
दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
ज्यादा नहीं थोड़ा लिखना चाहता हूँ
क्यों दहेज़ लेना चाहता हूँ
और क्यों दहेज़ देना चाहता हूँ
ये खुद से आज पूछना चाहता हूँ
दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
क्या जरुरत हैं जो दहेज़ चाहता हूँ
बस इतना नहीं थोरा और चाहता हूँ
आखिर क्यों ये दहेज़ चाहता हूँ
मुझे जरुरत नहीं जो मैं दहेज़ चाहता हूँ
दहेज़ चूकी एक समाज की बुराई हैं
इसलिए न तो मैं लेना चाहता हूँ
और न भूलकर भी देना चाहता हूँ
दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
ज्यादा नहीं थोड़ा लिखना चाहता हूँ
क्यों दहेज़ लेना चाहता हूँ
और क्यों दहेज़ देना चाहता हूँ
ये खुद से आज पूछना चाहता हूँ
दहेज़ पे दो सब्द लिखना चाहता हूँ
wonderful Vivek...very well said
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