मतलब हैं तो फ़ोन करता हैं आदमी
बिना मतलब के कॉल करता नहीं हैं आदमी
सिर्फ मतलब पर ही ढूंढता हैं आदमी
बिना मतलब के कोई मतलब समझता नहीं हैं आदमी
काम हैं तो हाथ-गोर धोकर पीछा पड़ता हैं आदमी
काम निकलते ही मुंह मोड़ लेता हैं आदमी
सवाल हैं तो जवाब ढूंढता हैं आदमी
बिना सवाल के पास घूमता नहीं हैं आदमी
मुराद हैं तो माथा टेकता हैं आदमी
बिना मुराद के मंदिर नहीं जाता हैं आदमी
दुःख हैं तो सुमिरन करता हैं आदमी
बिना दुःख के भगवान को पूजता नहीं हैं आदमी
मतलब हैं तो फ़ोन करता हैं आदमी
बिना मतलब के कॉल करता नहीं हैं आदमी
a nice satire.
ReplyDeleteit's nice, you have written very well.i like it most.
ReplyDeletegooooooooooood.................
ReplyDeletegud one..nicely written..:)
ReplyDeletevery true
ReplyDeletethanks to all my friends (diwakar narayan, Anonymous, Nupur Chaube and Noopur ji for reading my blog and commenting on it.
ReplyDeletethanks
Vivek Human