मेरे हिंदी ब्लॉग साईट (सर्व सेवा समाज) में आपका हार्दिक स्वागत हैं

बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Monday 2 July 2012

मैं जो भी लिखता हूँ, दिल से लिखता हूँ

मैं जो भी लिखता हूँ, दिल से लिखता हूँ
मन की नहीं सुनता ,दिल की करता हूँ
मैं जो भी लिखता हूँ दिल से लिखता हूँ
दिल की सुनता हूँ ,दिल की करता हूँ
मैं जो भी चाहता हूँ, दिल से चाहता हूँ
मैं जो भी लिखता हूँ, दिल से लिखता हूँ
मन की बातों को दर-किनार करता हूँ
दिल की धडकनों की आवाज सुनता हूँ
मैं जो भी लिखता हूँ, दिल से लिखता हूँ
मन की नहीं सुनता ,दिल की करता हूँ

1 comment:

  1. postingan yang bagus tentang"मैं जो भी लिखता हूँ, दिल से लिखता हूँ "

    ReplyDelete