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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 1 July 2012

दिल पे लगी और बात बनी

सही में दिल पे लगने से बात बनती हैं
मगर एक बात ये भी सच हैं
हर एक का दिल मोम नहीं होता जो पिघल जाए
किसी का दिल दिल नहीं होता पत्थर होता हैं
चाहे कुछ भी हो जाए उसके दिल पे नहीं लगती
पर जो भी हैं ये सच हैं की दिल पे लगती हैं तभी बात बनती हैं
तो क्यों न हम ऐसे बोले ,जो दिल पे लगे
तो क्यों न हम ऐसा करे ,जो दिल पे लगे
क्यूंकि दिल पे लगेगी तभी तो बात बनेगी
  (अच्छी कोशिश आमिरखान द्वारा -काश हम सब मिलकर ऐसी ही कोशिश करते )

2 comments:

  1. lag gai dil pe????????????????????????????

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  2. postingan yang bagus tentang"दिल पे लगी और बात बनी "

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