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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 1 July 2012

मैं और मेरा शायराना अंदाज-१३

१ -बहुत मुश्किल होता  हैं यादो  को भुलाना हम कितना भी कोशिश कर ले  
मगर यादे साथ नहीं  छोड़ती ये तो याद बनकर ही रह जाती हैं
२- किसी की उम्मीद पे खड़ा उतरना बहुत बड़ी बात होती  हैं
पर जब किसी की उम्मीद पे पानी फिर जाता हैं
तो वही जानता हैं जो उम्मीद पे खड़ा उतर नहीं  पाता हैं
३-कोशिश जी तोड़ की जाए तो मंजिल पाना असंभव नहीं
प्यार दिल से की जाए तो प्यार को पाना नामुनकिन  नहीं

1 comment:

  1. postingan yang bagus tentang"मैं और मेरा शायराना अंदाज-१३"

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