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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Wednesday, 15 August 2012

माँ से पूछा मैंने

माँ से पूछा मैंने माँ ओ मेरी माँ
जब मैं बच्चा था कैसा था
क्या जैसे अब हूँ वैसा था
माँ बोली नहीं बेटा तू कहा ऐसा था
तू तो बड़ा ही नटखट था
परेशां तू बहुत ही करता था
अच्छा माँ ,और क्या मैं करता था
माँ बोली क्या बताओ
बहुत कुछ तू किया करता था
पिता जी के नाक में दम कर देता था
इधर का सामान उधर कर देता था
सच माँ इतनी शैतानी करता था
माँ बोली हां बेटा सच में
तू ये सब करता था
पर माँ तू देख अब मैं कहा वैसा  हूँ
बोल माँ कहाँ हैं अब वो तेरा नटखट बेटा
माँ बोली तू बदल गया
चूकी अब जो तू बड़ा हो गया
माँ से पूछा मैंने माँ ओ मेरी माँ
जब मैं बच्चा था कैसा था
क्या जैसे अब हूँ वैसा था
माँ बोली नहीं बेटा तू कहा ऐसा था














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