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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 2 September 2012

एक दौर था ,मेरे भी प्यार का

एक दौर था ,मेरे भी प्यार का
मैं भी किसी से प्यार करता था
चाहता था उसको , उसपे ही मरता था
एक दौर था, मेरे भी प्यार का
मगर क्या उसको भी मुझसे से प्यार था
इससे मैं अनजान था
मगर ये सच हैं कि, मुझे उससे प्यार था
करना मुझे इज़हार था
मगर कर न पाया
कि मुझे उससे प्यार था
एक दौर था ,मेरे भी प्यार का
मैं भी किसी से प्यार करता था
वो मुझसे कुछ न कह पाई
और न मैं ही कुछ कह पाया
आँखों ही आँखों में इशारे होते रहे
देखते-ही-देखते वक़्त गुजर गया
वो मुझसे बिछड़ गई
और मैं उससे जुदा हो गया
तब से अब तक न भूल पाया हूँ उसको
गर मिली तो पूछूँगा , क्या उसको भी मुझसे प्यार था
एक दौर था ,मेरे भी प्यार का
मैं भी किसी से प्यार करता था


2 comments:

  1. एक दौर था ,मेरे भी प्यार का
    मैं भी किसी से प्यार करता था ///

    That turned me emotional...!!

    Do land in my world some time...

    http://apparitionofmine.blogspot.in/
    http://creativeworldofnoopur.blogspot.in/

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